সৎসঙ্গের সুবিধা (सत्संग का फायदा)


এক সময় পুলিশ কিছু চোরের পেছনে লেগে যায়, তাই তারা পুলিশের হাত থেকে বাঁচতে মন্দিরে যায়। একই সময়ে মন্দিরে সৎসঙ্গ চলছিল, তাই সৎসঙ্গে বলা হচ্ছিল ঈশ্বরের কোনো ছায়া নেই, ঈশ্বর সর্বশক্তিমান, সর্বব্যাপী, তাই তাঁর কানেও একই কথা এল। এখন তার জীবনও রক্ষা পেয়েছে পুলিশ এবং সে আজ মন্দিরে থাকবে ভেবে ফিরে আসে। ওয়ালে সৎসঙ্গ আমাদের রক্ষা করেছে। এখন কিছুক্ষণ পর তারা কালী মাতার মন্দিরে চুরির পরিকল্পনা করে। যখন তারা এই পরিকল্পনা করছিল, তখন সেখানে কেউ তাদের সব কথা শুনছিল, সে পুলিশকে জানায়। চোর ধরার জন্য কালী মাতার পরিবর্তে পুলিশ একজন ব্যক্তির রূপ পরিবর্তন করে তাকে কালী মাতার মত করে সেখানে দাঁড় করিয়ে দেয় যাতে তারা যখন চুরি করে। আসুন আমাদের জানান. এবার চোরেরা চুরি করতে গেল, মন্দিরে পৌছালে এক চোর বলল আমি গিয়ে দেখি ভিতরে কেউ আছে কিনা। তিনি যখন কালী মাতার মূর্তির কাছে পৌঁছলেন, সেখানে তিনি দেখতে পেলেন যে কালী মাতার ছায়া দেখা যাচ্ছে। তাই তিনি খুব বিরক্ত হলেন যে আমরা সৎসঙ্গে শুনেছিলাম যে ঈশ্বরের ছায়া নেই, কিন্তু এখানে ছায়া দেখা যাচ্ছে, তখন তিনি সন্দেহ হল যে মূর্তির জায়গায় কিছু লোক আছে, তাই সে বাইরে এসে তার বন্ধুদের বলল এখান থেকে পালিয়ে যেতে, প্রতিমার জায়গায় কিছু লোক আছে এবং আমার মনে হয় পুলিশও এখানে আছে। তাই তারা সবাই চলে গেল। তখন তিনি ভাবলেন, গতবার সৎসঙ্গে গিয়ে পুলিশের হাত থেকে রক্ষা পেয়েছি, এবারও সৎসঙ্গে শোনা কথাই পুলিশের হাত থেকে বাঁচিয়েছে। যদি আমরা সৎসঙ্গে থাকি আমরা গেলে কতটা সুবিধা পাব। তারপর থেকে তিনি চুরির কাজ ছেড়ে প্রতিদিন সৎসঙ্গে যান এবং একই জিনিসগুলিকে নিজের জীবনে অবলম্বন করে জীবনকে সফল করেন।



एक बार की बात है कुछ चोरों के पीछे पुलिस लग गई तो वे पुलिस से बचने के लिए मंदिर में चले गए| उसी समय मंदिर में सत्संग चल रहा था तो वहाँ सत्संग में बताया जा रहा था कि भगवान की कोई परछाई नहीं होती भगवान सर्वशक्तिमान है हर जगह व्यापक है, तो उनके कानों में भी यही बात पड़ी| अब पुलिस से उनकी जान भी बच गई और वे ये सोच के वापिस आ गए कि आज तो मंदिर में होने वाले सत्संग ने हमें बचा लिया| अब कुछ समय बाद उन्होंने काली माता के मंदिर में चोरी करने की योजना बनाई| जब वे ये योजना बना रहे थे तो वहाँ पर कोई व्यक्ति उनकी सारी बाते सुन रहा था  उसने पुलिस में खबर कर दी| पुलिस ने चोरों को पकड़ने के लिए काली माता की जगह किसी व्यक्ति को रूप बदल कर उसे काली माता जैसा बना दिया और वही खड़ा कर दिया ताकि जब वे चोरी करने आए तो हमें पता चल जाए| अब चोर गए चोरी के लिए जब वह मंदिर पहुँचे तो एक चोर ने कहा कि मैं जाके देखकर आता हूँ अन्दर कोई है तो नहीं| जब वह काली माता की मूर्ति के पास पहुँचा तो वहाँ उसने देखा कि काली माता की परछाई नजर आ रही है| तो वह बहुत परेशान हुआ कि हमने तो सत्संग में सुना था कि भगवान की परछाई नहीं होती लेकिन यहाँ तो परछाई नजर आ रही है फिर उसे शक हो गया कि यहाँ मूर्ति की जगह कोई व्यक्ति है, तो वह बाहर आ गया और अपने दोस्तों को कहा कि यहाँ से भागो यहाँ पर मूर्ति की जगह कोई व्यक्ति है और मुझे लगता है कि पुलिस भी है यहाँ| तो वे सभी चले गये| तब उन्होंने विचार किया कि पिछली बार भी हम सत्संग में गये थे तो पुलिस से बच गए थे इस बार भी सत्संग में सुनी हुई बात ने ही हमें पुलिस से बचा लिया| अगर हम हमेशा ही सत्संग में जाए तो हमें कितना फायदा मिलेगा| तब से उन्होंने चोरी का काम छोड़ दिया और नित्यप्रति सत्संग में जाकर उन्ही बातों को अपने जीवन में अपनाने लगे और अपना जीवन सफल बना लिया|


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